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immunity to disease in hindi


All about the human immune system in one blog:

Short summary about immunity

आज इस लेख के ज़रिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि इम्‍युनिटी किया है इसका हमारे शरीर पर किया प्रभाव पड़ता है इसके काम होने के कारण और इसे कैसे बाध्य जा सकता हे एवं  विभिन्‍न पोषक समूहों के खाद्य पदार्थों के फायदों के बारे में और उन चीज़ों के बारे में जिन्‍हें खाने से एवं दिनचर्या में शामिल करने से इम्‍युनिटी पॉवर मजबूत होती है। मजबूत इम्यूनिटी शरीर को बिमारियों से सामना करने की ताकत प्रदान करती है। अगर हमारी इम्यूनिटी मजबूत होगी तो बीमारियां ज्यादा समय तक शरीर में नहीं टिकेगी। 
एक ब्लॉग में मानव प्रतिरक्षा प्रणाली के बारे में सब कुछ: 


What is immunity? (इम्युनिटी क्या है?) 

इम्युनिटी उसे कहते है जो रोगजनकों(Harmful Bacteria) के आक्रमण को रोकने के लिए शरीर की एक प्रकार की क्षमता होती है। इम्युनिटी को हिंदी में रोग प्रतिरोधक क्षमता(Buffering Capacity) या प्रतिरक्षा प्रणाली कहा जाता है। प्रतिरक्षा प्रणाली संक्रमण के खिलाफ शरीर की रक्षा करने का कार्य करती है। रूसी वैज्ञानिक द्वितीय मेनिकिकोव और फ्रांसीसी सूक्ष्म जीवविज्ञानी लुई पाश्चर ने सबसे पहले इम्युनिटी के बारे में जाना और सभी को बताया था। शुरुआत में प्रतिरक्षा को केवल इन्फेक्शन या संक्रामक बीमारियों को खत्म करने के लिए जीव की प्रतिरक्षा के रूप में माना जाता था पर बाद में पता चला की यह हमारे शरीर को सभी तरह की बिमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है। एक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया प्रतिजनों से लड़ने और शरीर की रक्षा करने के लिए शरीर की रक्षा प्रणाली है। अगर किसी व्यक्ति को कोई रोग है तो उस व्यक्ति के सिस्टम में उस रोग के प्रति प्रतिरक्षी की उपस्थिति है तो उससे रोग प्रतिरोधक क्षमता प्राप्त की जाती है। एक अगर आपकी इम्युनिटी अच्छी है तो आप कैंसर जैसी घातक बीमारी से भी लड़ सकते हैं।

उदाहरण से समझते है:- खसरा से ग्रसित व्यक्ति के शरीर में अगर खसरा प्रतिरक्षी है तो वह उसकी रक्षा करेगा जो खसरे की बीमारी के संपर्क में हैलेकिन अगर वह गलसुआ के संपर्क में है तो इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

उदाहरण:- जैसे बैक्टीरिया और वायरस जिनके संपर्क में लोग हर दिन आते हैं। प्रतिरक्षा प्रणाली इन कीटाणुओं पर हमला करती है और हमें स्वस्थ रखने में मदद करती है। 


B&T lymphocytes(बी और टी लिम्फोसाइटों)

हमारे शरीर में मौजूद बी-लिम्फोसाइट्स कोशिकाएं शरीर में एंटीबॉडी के निर्माण के लिए सहायक होती हैं। ये प्रोटीन विशिष्ट प्रतिजनों को रोक देते हैं। एंटीबॉडी बनने के बाद यह हमारे शरीर में रहती हैं उसी रोगाणु से फिर से लड़ने के लिए। और शरीर में प्रवेश करने वाले वायरस और बैक्टीरिया जैसे विदेशी रोगजनकों से लड़ने के लिए एंटीबॉडी का उत्पादन करती हैं। 

टी-लिम्फोसाइट्स स्व-शरीर की कोशिकाओं पर कार्य करते हैंजो कैंसर हो गए हैं या वायरस द्वारा ले लिए गए हैं और उन्हें नष्ट कर देते हैं।

उदाहरण:- जैसे यदि कोई व्यक्ति जो चिकनपॉक्स जैसी बीमारी से बीमार हो जाता है वह आमतौर पर फिर से बीमार नहीं होगा। एंटीबॉडी एक एंटीजन को पहचान सकते हैं और उसे खत्म कर देते है।


Types of Immunity (इम्युनिटी के प्रकार)

हमें इम्यूनिटी प्रदान करने वाले इम्यून सिस्टम (Immune System) में एंटीबॉडीज (Antibodies in Immune System) होती हैं, जो किसी भी बाहरी हानिकारक तत्व जैसे- बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट के खिलाफ लड़ती हैं. यह एंटीबॉडी (Antibodies meaning) एक प्रकार का प्रोटीन होती हैं, जो शरीर में घुसे बैक्टीरिया, वायरस या पैरासाइट को घेरकर उसे निष्क्रिय बनाती हैं, या नष्ट कर देती हैं, और शरीर को बीमारी से सुरक्षा प्रदान करते हैं। मुख्यतः इम्यूनिटी तीन प्रकार की होती है

मुख्यतः तीन प्रकार की होती है, जन्मजात प्रतिरक्षा, निष्क्रिय प्रतिरक्षा, और अधिग्रहित / सक्रिय प्रतिरक्षा यह 


Three main types of immunity(प्रतिरक्षा के तीन मुख्य प्रकार)

आइए, अब इम्यूनिटी के 3 मुख्य प्रकार (Immunity Types) के बारे में जानते हैं.

1. जन्मजात प्रतिरक्षा:- सभी व्यक्ति का जन्मजात (या प्राकृतिक) प्रतिरक्षा के साथ जन्म होता है, यह एक तरह की सामान्य सुरक्षा है। जो त्वचा के रोगाणुओं को शरीर में प्रवेश करने से रोकने का कार्य करती है। जिसमें शारीरिक बाधाएं (त्वचा, शरीर के बाल), रक्षा तंत्र (लार, गैस्ट्रिक एसिड) और सामान्य प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाएं (सूजन) शामिल हैं। इस प्रतिरक्षा प्रणाली को ठीक से पता नहीं होता है कि शरीर पर कौन सा प्रतिजन आक्रमण कर रहा है यह किसी भी रोगज़नक़ से बचाव के लिए शीघ्रता से प्रतिक्रिया कर सकता है।

2. निष्क्रिय प्रतिरक्षा:- निष्क्रिय प्रतिरक्षा एंटीबॉडी उधार लेकर रोगजनकों का विरोध करती है और यह कम समय के लिए ही कार्य करती है। उदाहरण के लिए, एक माँ के स्तन के दूध में एंटीबॉडी या इम्युनोग्लोबुलिन जैसे एंटीबॉडी युक्त रक्त उत्पादों के माध्यम से बच्चे में स्थानांतरित करते है। इसे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में स्थानांतरित करना कहा जाता है। निष्क्रिय प्रतिरक्षा को सामान्य रूप में सबसे अच्छे से समझने के लिए शिशु को अपनी मां से प्राप्त एंटीबॉडी है। यह शिशु को १ साल तक कुछ बिमारियों से बचाएंगी। निष्क्रिय प्रतिरक्षा तब तक अस्थायी होती है जब तक कि एंटीबॉडी खत्म नहीं हो जाती।

3. अधिग्रहित / सक्रिय प्रतिरक्षा:- अनुकूली (या सक्रिय) प्रतिरक्षा यहाँ व्यक्ति के पूरे जीवन में विकसित होती है। बीमारियों के संपर्क में आने पर या जब हम उनसे लड़ने के लिए टीकों के साथ प्रतिरक्षित होते हैं तो हम अनुकूली प्रतिरक्षा विकसित करते हैं। शरीर एक विशिष्ट प्रतिजन (जो एक रोगज़नक़ से जुड़ा होता है) के संपर्क में आता है और उस विशिष्ट प्रतिजन के प्रति एंटीबॉडी विकसित करता है। अगली बार जब प्रतिजन शरीर पर आक्रमण करते  है, तो शरीर में विशिष्ट प्रतिजन ध्यान में आता है। एक्वायर्ड इम्युनिटी टीकाकरण से भी प्राप्त होती है जिससे टीकाकरण किए गए व्यक्ति में बिना बीमार हुए ही प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्त्पन्न हो जाती है।

Sign of week immune System (कमजोर प्रतिरक्षा के लक्षण)

कमजोर प्रतिरक्षा के कुछ संकेत हैं। यदि आपको बार बार संक्रमण होता है, संक्रमण से ठीक होने में अधिक समय लगता है, या घावों को ठीक होने में अधिक समय लगता है, तो प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के लक्षणों में शामिल हैं।

1. थकान:- थकान सभी को होती है किन्तु समय-समय पर, लेकिन अगर आपको सोने में परेशानी आती है, नींद नहीं आती है तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि नींद और प्रतिरक्षा प्रणाली का एक संबंध होता है। बीमार होने पर या वायरल संक्रमण होने से आपकी नींद पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है जबकि अच्छी नींद प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करती है।

2. लगातार ठंड लगना:- हर साल ठंड का मौसम आता है और साल में २-३ सर्दी का अनुभव करना सामान्य है। लेकिन आपको बार-बार जुकाम हो जाता है, सर्दी हो जाती है तो यह इस बात का संकेत है की आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर है।

3. अधिक तनाव:- लंबे समय तक तनाव में रहना और अकेलेपन में रहने से प्रतिरक्षा प्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। क्योंकि तनाव लिम्फोसाइट स्तर को कम करता है जिससे शरीर के लिए संक्रमण से लड़ना कठिन हो जाता है। इसलिए यदि आप किसी काम या किसी भी बात को लेकर तनाव में रहते है, बीमार पड़ जाते हैं तो आपको तनाव प्रबंधन करने के प्रयास करने चाहिए।

4. बार-बार संक्रमण होना:- जिन व्यक्तियों की कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली होती है उन्हें अक्सर अन्य संक्रमणों के अलावा ब्रोंकाइटिस, निमोनिया और मेनिन्जाइटिस होने की संभावना होती है।

5. पाचन संबंधी समस्याएं:- बहुत सी पाचन संबंधी समस्याएं इस बात का संकेत है की आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक से काम नहीं कर रही है और वह कमजोर है यह समस्याएं है : दस्त, सूजन, गैस, ऐंठन और यहां तक ​​कि कब्ज जब "अच्छा" आंत बैक्टीरिया (प्रोबायोटिक्स लैक्टोबैसिली और बिफीडोबैक्टीरिया) खराब हो जाता है, तो आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली पर इसका प्रभाव पड़ता है।


What Causes a Low Immunity? (कम प्रतिरक्षा के कारण)

बहुत से कारणों की वजह से प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हो सकती है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली के सामान्य कारणों में शामिल हैं:

1. धूम्रपान:- जो लोग धूम्रपान करते है उनका इम्युनिटी सिस्टम कमजोर होता है। धूम्रपान फेफड़ों को खराब कर देते है जिसका प्रभाव इम्युनिटी पर होता है।

2. शराब का सेवन:- जिन लोगों को शराब की आदत होती है अक्सर उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर होती है। शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

3. खराब पोषण:- कुछ खानपान भी इसका कारण बनते है। अगर आपका खानपान उचित नहीं है। तला-भुना, डिब्बा बंद भोजन का ज्यादा सेवन प्रतिरक्षा प्रणाली कम कर देता है। आपको स्वस्थ और ताजा आहार का सेवन करना चाहिए।

4. दवा:- बहुत सी बिमारियों की दवाएं भी इसका एक कारण है। किसी तरह की दवाओं का सेवन करना जैसे: कीमोथेरेपी या अन्य कैंसर उपचार जैसी दवाएं।

5. मोटापा:- मोटापा कई बिमारियों की वजह बनता है। अक्सर ज्यादा वजन वाले लोग कई तरह की बिमारियों से पीड़ित होते है। इसलिए आपको अपने वजन पर नियंत्रण रखना चाहिए।

6. संक्रमण:- यदि हम किसी संक्रमण की चपेट में आ जाते है तो भी ऐसा होता है जैसे: फ्लू, मोनो, और खसरा आदि का संक्रमण। तो आपको इन संक्रमणों से दूर रहना होगा। इसके लिए साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखे।

7. तनाव:- जो लोग तनाव में रहते है उनकी इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और उनमें बीमारियां दोगुना तेजी से होती है। कारण हैकमजोर इम्युनिटी इसलिए तनाव मुक्त रहने का प्रयास करे।

8. मधुमेह:- आज कई लोग मधुमेह से पीड़ित है। मधुमेह से जूझ रहे लोगों की इम्युनिटी कमजोर हो जाती है और वह बीमारियों का सामना करने में असमर्थ हो जाते है।

9. उम्र बढ़ने:- उम्र का असर हर चीज पर होता है जैसे - जैसे उम्र बढ़ती है तो प्रतिरक्षा प्रणाली ठीक तरह से कार्य करना बंद कर देती है और कमजोर हो जाती है।

10. कैंसर:- दुनिया में सबसे ज्यादा मौत का कारण है कैंसर। तो जो लोग कैंसर का सामना कर रहे है उन्हें कमजोर इम्युनिटी का भी सामना करना पड़ सकता है।

11. गंभीर संक्रमण:- किसी तरह का गंभीर संक्रमण। जिसने आपके शरीर में जगह बना ली है उसका असर इम्युनिटी पर भी पड़ता है यह भी एक मुख्य कारण है।

12. एचआईवी या एड्स:- जिन्हें एचआईवी या एड्स है वह भी कमजोर इम्युनिटी के शिकार हो जाते है।


How to Increase Immunity Power(इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं)

आजकल गलत खानपान की वजह से लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है . और लोग अपनी  प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए अक्सर दवाओं का उपलोग करते हैं और वे अक्सर ही बीमार भी रहते हैं। और  ऐसे लोग जल्दी ही हर तरह के बैक्टीरिया, संक्रमण और वायरस की चपेट में आ जाते हैं। बीमार होने से बचने के लिए इम्यूनिटी को मजबूत बनाना बहुत जरूरी है। मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता (immunity) रोगों से लड़ने में हमारी मदद करती है। सर्दी, जुकाम, खांसी, बुखार और यहां तक की कोरोना वायरस और कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने के लिए भी इम्यूनिटी का मजबूत होना जरूरी है। इसके लिए आपको अपने खानपान / हेल्दी डाइट (healthy diet tips) मैं बस थोड़ा बदलाव करने के साथ साथ कुछ व्यायाम (exercise) करना होगा . तो चलिए आज हम आपको घर बैठे बिना किसी डॉक्टर के पास जाये को बढ़ाने के घरेलू उपाय / तरीके बताते हैं.

उदाहरण:- इम्युनिटी (immunity) बढ़ाने के लिए आपको रनिंग के साथ कुछ फलों का सेवन भी करना होगा. आप डाइट में एंटी-ऑक्सीडेंट्स रिच फूड शामिल कर सकते हैं. इसके अलावा विटामिन सी (vitamin C) युक्त चीजें शरीर के लिए बेहद फायदेमंद होती हैं, यह सभी इम्युनिटी को बूस्ट करती हैं और शरीर को अंदर से मजबूत बनाती हैं. इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं घरेलू उपाय करके कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ा सकते है ऐसे और भी तरीके है जिनसे इम्यूनिटी बढ़ाई जा सकती है,

1. व्यायाम:- व्यायाम करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जा सकता है। सप्ताह में तीन घंटे व्यायाम करना प्रतिरक्षा में सुधार करता है। व्यायाम में योग, तैराकी, तेज चलना, नृत्य, खेल या जॉगिंग शामिल हो सकते हैं। जब भी संभव हो व्यायाम करे बाहर व्यायाम करना, घर के अंदर व्यायाम करने की तुलना में अधिक फायदेमंद होता है।

2. संतुलित आहार खाएं:- आपका आहार संतुलित होना चाहिए अधिक फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ, फल और सब्जियां, प्रोबायोटिक्स (केफिर, दही, कोम्बुचा चाय, आदि) और प्रीबायोटिक्स (लहसुन, प्याज, लीक, आदि) को आहार में शामिल करने इससे प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद मिल सकती है।

3. पर्याप्त नींद:- नींद और रोग प्रतिरोधक क्षमता का गहरा संबंध है। अपर्याप्त नींद बीमारी  को बढ़ाने वाली होती है जो लोग हर रात ६ घंटे से कम सोते है उनमें बिमारी होने की ज्यादा सम्भावना होती है। पर्याप्त आराम करने से आपकी प्राकृतिक प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो सकती है। बच्चों की इम्युनिटी बढ़ाने के उपाय में नींद भी मदद करती है।

4. तनाव प्रबंधन करके इम्यूनिटी कैसे बढ़ाए:- तनाव का प्रबंधन शरीर के प्रतिरक्षा स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लंबे समय तक तनाव में रहने से कोर्टिसोल नामक हार्मोन के स्तर में वृद्धि होती है। कोर्टिसोल का ज्यादा स्तर प्रतिरक्षा प्रणाली की कोशिकाओं को दबा देता है। जिससे की बढ़ा हुआ तनाव संक्रमण से लड़ने की शरीर की क्षमता को कम कर देता है। तनाव में ना रहे इसके लिए योग और मैडिटेशन का सहारा लें।

5. पर्याप्त हाइड्रेशन:- शरीर को हाइड्रेटेड रखे इससे समग्र स्वास्थ्य में सुधार होता है। ज्यादा मात्रा में पानी पीने से गुर्दे, जठरांत्र संबंधी मार्ग, हृदय और अन्य अंग प्रणालियों का सुचारू कार्य सुनिश्चित होता है। शरीर हाइड्रेटेड रहेगा तो इम्युनिटी मजबूत होगी।

6. प्रोबायोटिक्स:- प्रोबायोटिक्स में स्वस्थ आंत के लिए भरपूर बैक्टीरिया होते हैं। स्वस्थ आंत बैक्टीरिया हानिकारक सूक्ष्मजीवों को आंत के माध्यम से शरीर में प्रवेश करने नहीं देते और बीमारी से बचाते हैं। प्रोबायोटिक्स दही से प्राप्त किया जा सकता है। प्रोबायोटिक्स को पूरक के रूप में भी लिया जा सकता है।



Immunity Booster Food(इम्यूनिटी बूस्टर फूड)

1. अधिक संपूर्ण पौधे वाले खाद्य पदार्थ:- इनमें शामिल इम्यूनिटी बूस्टर फूड है नट, बीज, फल, सब्जियां यह खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों और एंटीऑक्सीडेंट में समृद्ध होते हैं। जो आपको हानिकारक रोगजनकों से लड़ने की शक्ति देते है। फल और सब्जियां विटामिन सी जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं, जो सामान्य सर्दी को कम कर सकती हैं। एंटीऑक्सिडेंट अस्थिर यौगिकों का मुकाबला करके सूजन को कम करने में मदद करते हैं।

2. प्रोबायोटिक पूरक लें:- प्रोबायोटिक्स लाभकारी बैक्टीरिया से भरपूर होते हैं इन खाद्य पदार्थों में दही, सौकरकूट, किमची, केफिर और नाटो शामिल हैं।

3. स्वस्थ वसा खाएं:- जैसे जैतून का तेल और सामन में  स्वस्थ वसा होती है यह सूजन को कम करके रोगजनकों के प्रति शरीर की प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को बढ़ा सकती है। पुरानी सूजन आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को कम करती है।

 निष्कर्ष : इम्युनिटी पावर कैसे बढ़ाएं के बारे में आपने जाना तो आपको भी अपनी इम्युनिटी को कमजोर होने से रोकना चाहिए, नहीं तो आप बहुत सी बिमारियों से घिर सकते है। मजबूत इम्युनिटी से आप बड़ी बिमारियों का भी सामना कर पाएंगे और बीमार भी कम पड़ेंगे।


रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ/पोषक तत्व

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में खाद्य पदार्थ अहम भूमिका निभाते हैं। ताजे फल और सब्जियों में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्‍सीडेंट होते हैं और ये विभिन्‍न रोगों से शरीर को बचाते हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि आहार, व्यायाम, उम्र, मानसिक तनाव और अन्य कारणों का भी प्रतिरोधक क्षमता पर असर होता है, इसके अलावा सामान्य स्वस्थ जीवनशैली प्रतिरोधक क्षमता को बढाने का एक बहुत अच्छा तरीका है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार हैं:- 

विटामिन ए:- विटामिन A एक प्रकार के शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो इंफ्लमैशन (सूजन) को रोकते है साथ शरीर में रोगों से लड़ने वाले कोशिकाओं को बढ़ाते है। 

विटामिन A के लिए इन भोज्य पदार्थों का सेवन करें-

         सब्जियाँ जैसे- गाजर, पीले व लाल शिमला मिर्च, कद्दू, शकरकंद
  फल जैसे- आम, खुबानी, संतरा, पपीता, खरबूजा, चकोतरा
  डेयरी उत्पाद जैसे- दूध और दूध से बने पदार्थ जैसे पनीर, दही आदि


विटामिन ई - विटामिन ई भी एक प्रकार के शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो इम्यूनिटी बढ़ता है

खुबानी, कीवी, बादाम, मूंगफली, हेज़लनट्स, चिलगोज़े (पाइन नट्स), जैतून, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज
 वनस्पति तेल जैसे गेहूं के बीज का तेल, सूरजमुखी का तेल, सोयाबीन का तेल, बादाम का तेल 
साग सरसो एवं शलगम का साग, ब्रोकोली, कद्दू


विटामिन सी - विटामिन सी में एंटीऑक्सिडेंट मौजूद होते हैं जो फ्री रेडिकल्स के कारण शरीर को होने वाले क्षति एवं संक्रमण से भी बचाते हैं । विटामिन सी युक्त भोज्य पदार्थ हैं-

फल जैसे- नींबू, संतरा, अंगूर, पपीता, स्ट्रॉबेरी, आंवला
सब्जियां जैसे- ब्रोकोली, हरी मिर्च, लाल व पीली शिमला मिर्च, टमाटर


विटामिन डी - कई रिसर्च से पता चला है कि विटामिन डी वायरल संक्रमण एवं श्वांस सम्बन्धी संक्रमण को रोकने में लाभदायक साबित होता हैं ।इसके लिए इनका सेवन करें-

         मशरूम
विटामिन डी फोर्टिफिकेशन वाले भोज्य पदार्थ 
सूर्य की रौशनी में बैठें


आयरन (लौह तत्व) - आयरन की कमी से इम्यूनोकोम्प्रोमाइज़ की स्थिति आ जाती है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी हो जाती है। अतः अपने भोजन में आयरन ( लौह तत्व) की मात्रा भरपूर रखें । इसके लिए इन भोज्य पदार्थों का सेवन करें- 

    कम वसा वाला मांस या चिकन,
पालक, ब्रोकोली, सलाद पत्ता
साबुत अनाज, सेम, मटर, अंकुरित फलियां
गुड़, खजूर 

खाना पकाने के लिए लोहे के बर्तन का उपयोग करें


सेलेनियम - इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को फ्री रेडिकल्स से प्रभाव एवं शरीर को रोगो के संक्रमण से बचाते  हैं। इनके लिए ये भोज्य पदार्थों का सेवन करें-

 टूना मछली, झींगाचिकन
केले
चावल, पुरे गेहूं की बनी रोटी या ब्रेड
आलू, मशरूम
चिया सीड्स


ज़िंक
- जिंक श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने  में मदद करता है, जो संक्रमण से बचाव करतें है। इनके लिए खाएं-

    सीफ़ूड जैसे केकड़ा, सीप और झींगा मछली
लाल मांस, चिकेन और अंडा
दूध व दूध से बने पदार्थ
छोले व अन्य फलियां
नट्स एवं बीज जैसे- बादाम, मूंगफली, चिलगोज़े ( पाइन नट), तिल के बीज, कद्दू के बीज


प्रोबायोटिक
-  प्रोबायोटिक्स यानि गट बैक्टीरिया, ये वो बैक्टेरिया हैं जो पाचन तंत्र को उत्तम बनाए रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करते है। प्रोबायोटिक्स के लिए आप इनका सेवन करें-

    डेयरी आधारित उत्पाद- दूध, पनीर, दही, दूध पाउडर, छाछ, याकुल्ट, काफिर
सोया दूध और उसके उत्पाद
किमची, प्रोबायोटिक्स से युक्त अनाज और नुट्रिशन बार


ओमेगा
3
- ये प्रोबायोटिक्स के कार्य को प्रभावी बनाते है, जिससे हमारा पेट स्वस्थ रहे एवं इम्यून सिस्टम मजबूत बन सके। इसके लिए-  

    मछली का तेल
चिया सीड्स, अलसी के बीज और अखरोट
अलसी का तेल और सोयाबीन का तेल
ओमेगा ३ फोटिफाइड किये अनाज, जूस, दूध और सोया पेय


इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए खाएं संतुलित आहार

अपने आहार में इन खाद्य पदार्थों को शामिल करने के अलावा, संतुलित आहार लेना और प्रतिदिन पर्याप्त ऊर्जा लेना अति आवश्यक है जिससे आप अपनी दैनिक पोषक तत्वों की आवश्यकताओं को पूरा कर पाएं । इससे पोषण सम्बन्धित कमियों से बचने में मदद मिलेगी और प्रतिरक्षा तंत्र(immunity system) को उत्तम बनाने में मदद मिलेगी। आपके संतुलित आहार के लिए भोजन में साबुत अनाज, छिलके वाली दाल,रंगबिरंगी सब्जियां एवं फल शामिल करें । दूध या दूध से बने पदार्थ नियमित अंतराल पर हों । उत्तम गुणवत्ता के वसा का प्रयोग करें , साथ थोड़ी मात्रा में बादाम, अखरोट या मूंगफली भी शामिल करें  । २-३ लीटर पानी रोज पीएं.


इम्यून सिस्टम को सुधारने वाले पेय पदार्थ

1. हल्दी वाला दूध:- हल्दी वाला दूध इसे “गोल्डन मिल्क” भी कहते हैं या हल्दी की चाय अपने भोजन के बीच में लेने की कोशिश करे। इसके अलावा ग्रीन टी के साथ अन्य किसी मसाले (काली मिर्च, अदरक, इलायची, लौंग) को डाल कर ले सकते हैं।  इससे आप एक साथ २ पोषक तत्वों का सेवन कर पाएंगे। इन मसालों में  उपस्ठित फ्लैवोनॉइड आपके इम्यून सिस्टम को बढ़ाने में काफी लाभदायक होते हैं।

2. तुलसी:- तुलसी को जितना पवित्र और पावन माना जाता हैउतना ही यह स्वास्थ्य के लिए भी वरदान साबित होती है। विशेषकर हर भारतीय घरों में तुलसी का पेड़ जरूर होता हैजिसकी पूजा की जाती है। तो आज से ही आप तुलसी का सेवन करना शुरू कर दें। तुलसी की पत्तियों में ऐसे कई जरूरी तत्व पाये जाते हैंजिनकी मदद से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। आप चाहें तो तुलसी की पत्तियों की चाय बनाकर पी सकते हैं या फिर साफ पानी में तुलसी की पत्तियां मिलाकर पी सकते हैं।

3. गिलोय:- आप गिलोय का सेवन करेंक्योंकि पिछले कुछ समय से देखा जा रहा है कि लोग अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए गिलोय अधिक सेवन कर रहे हैं। अगर आप नेचुरल ड्रिंक (Natural Drink) से इम्युनिटी बढ़ाना चाहते हैंतो आप हर रोज गिलोय को साफ पानी में पकाकर इसे पीयें। गिलोय की विशेषता यह है कि इसका तनापत्तियां और जड़ तीनों में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले गुण मौजूद होते हैं।

4. अश्वगंधा:- बाजार में आसानी से उपलब्ध होने वाली आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है अश्वगंधाजिसका उपयोग कई प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं में किया जाता है। प्रतिदिन एक गिलास दूध में एक चम्मच की मात्रा में अश्वगंधा चूर्ण का सेवन करने से तेजी से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके अलावा अश्वगंधा से पाचनतंत्र भी मजबूत होता है और इम्युनिटी भी मजबूत होती है।

5. अदरक:- घरेलू सब्जी में स्वाद के रूप में अदरक का सेवन किया जाता हैलेकिन यह किसी औषधि से कमतर नहीं है। अदरक में अदरक में एंटी बैक्टीरियलएंटी इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैंजो हमारे शरीर में कोशिकाओं को कमजोर होने से सुरक्षित रखते हैं। नेचुरल तरीके से अपनी इम्युनिटी को बढ़ाने के लिए आप अदर का सेवन शुरू कर दें। आप चाय में भी अदरक का सेवन कर सकते हैं या पानी में उबाल कर भी सेवन कर सकते हैं।

6. ग्रीन टी:- ग्रीन टी एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होती है इसलिए इसका प्रयोग शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढाने, वजन और मोटापे को कम करने में किया जाता है।  इसमें पॉलीफेनोल उपस्थित होता है जो शरीर को रोगो से लड़ने के लिए मजबूत बनाता है साथ ही इंफ्लमैशन को भी कम करता है। इसके साथ ही ये पाचन क्रिया एवं मस्तिष्क को भी ठीक कार्य करने में मदद करता है।

7. हल्दी:- हल्दी एंटीऑक्सीडेंट गुण से भरपूर होती है इसलिए यह एक अच्छी इम्युनिटी सिस्टम बूसटर कहलाती है। साथ ही हल्दी रक्त को शुद्ध करने और शरीर के रंग और रूप को सुधारने का काम भी करती है। हल्दी में मोजूद गुणों की वजह से यह शरीर को कैंसर से लेकर अल्जाइमर तक की गंभीर बीमारियों से बचाने में मदद करती है। इसके अलावा हल्दी में करक्यूमिन नमक तत्व शरीर के रक्त में शुगर के स्तर को नियंत्रित करता है, जिससे ग्लूकोस का मेटाबोलिज्म सही रह सके और व्यक्ति मधुमेह जैसी बीमारियों से दूर रह सके।

9. दालचीनी:- दालचीनी में मोजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण खून को जमने से रोकने और हानिकारक बैक्टीरिया को बढ़ने से रोकने में मदद करतें है। साथ ही दालचीनी शरीर के ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल को भी नियंत्रित करती है।

10. लहसुन:- लहसुन हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थों में से एक माना जाता है। लहसुन एंटी-ऑक्सीडेंट (anti-oxidant) से भरपूर तत्व है जो हमारे शरीर को कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने की शक्ति देता है। इसके अलावा लहसुन में एल्सिन (allicin) नामक एक ऐसा तत्व होता है जो की शरीर को होने वाले कई प्रकार के संक्रमण और बैक्टीरिया से लड़ने की शक्ति देता है। लहसुन का इस्तेमाल करने से अल्सर और कैंसर जैसे रोगों से बचाव होता है। 

11. अलसी:- अलसी हमारे शरीर के लिए बहुत अच्छा इम्युनिटी बूस्टर है। शरीर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए इसमें बहुत से गुण होते हैं।आलसी का नियमित सेवन करने से शरीर को कई प्रकार के रोगों से छुटकारा मिलता है। अलसी में अल्फा-लिनोलेनिक एसिड (alpha-linolenic acid), ओमेगा-3 (omega-3) और फैटी एसिड (fatty acid) होता है जो की हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

12. इम्यून सिस्टम मजबूत बनाने वाले बीज, मसाले, जड़ी बूटियां:- काली मिर्च, मेथी दाना, हल्दी, अदरक, दालचीनी, इलायची, लौंग, ऑरेगैनो- इनमे मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स शरीर में रोगो से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं। इनको चाय, काढ़ा, चटनी, सलाद के ऊपर डाल कर आदि तरीकों से इस्तेमाल कर सकते हैं।

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