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Home remedies to reduce diabetes in hindi


How does Diabetes progress(मधुमेह कैसे बढ़ता है?)

    डायबिटीज (मधुमेह) के लक्षण -जिसे हम नज़रअंदाज कर देते हैं। आधुनिक जीवनशैली ने कई रोगों को जन्म दिया है। प्राचीन काल में, लोग स्वस्थ भोजन करते थे, स्वच्छ हवा में साँस लेते थे और सबसे महत्वपूर्ण बात, वे खुद को कई शारीरिक गतिविधियों में शामिल करते थे। लेकिन लेकिन आजकल हम लगातार कंप्यूटर के सामने काम करने लगे हैं, घर पर बने स्वस्थ भोजन खाने के बजाय लोग बाहर का अस्वस्थ जंक फूड खाना पसंद करते हैं। अपना समय पार्कों में अभ्यास या योग करने के बजाय अधिकांश लोग डोमोनोस, मैक डोनाल्ड, कैफे और डाइनिंग रेस्तरां आदि में अपना समय व्यतीत करना पसंद करते हैं। शारीरिक गतिविधियों, तनाव और अच्छे भोजन की कमी ने कई रोगों को जन्म दिया है। हाल के वर्षों में मधुमेह एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या बन गई है जो दुनिया भर में लाखों लोगों को अपना शिकार बना रही है। शुगर (मधुमेह) एक आजीवन बीमारी है और रासायनिक प्रक्रियाओं वाली गोलियां या पूरे जीवन के लिए दवाएं लेने से कई दुष्प्रभाव और स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। यही कारण है कि हम मधुमेह को कम करने वाली जड़ी बूटियों के बारे में बता रहे हैं जो कि आपके ग्लूकोज को विनियमित और रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद कर सकती है।


What is diabetes?(मधुमेह क्या है?)

    डायबिटीज एक स्थायी रोग (Chronic Disease )है यानी ऐसी बीमारी जो लम्बे समय तक रहे और पूरी तरीके से ठीक होने मे मुश्किल हो। जब शरीर मे पैंक्रियाज, इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाता या शरीर इंसुलिन का उपयोग पूरी तरीके से नहीं करता तब खून में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ने लगती है, जो की डायबिटीज का मुख्य कारण बनता है। रक्त में शुगर की अधिक मात्रा को ही डायबिटीज कहा जाता है। यह समस्या तब उत्पन्न होती है, जब इंसुलिन का काम बाधित हो जाता है। इंसुलिन एक हार्मोन है, जो पैंक्रियाज द्वारा बनाया जाता है। इंसुलिन, ग्लूकोज को एनर्जी में बदलने में मदद करता है। वहीं, जब इसकी कार्यप्रणाली बाधित हो जाती है, तब ग्लूकोज, उर्जा में परिवर्तित होने के बजाय रक्त में ठहर जाता है और जब ग्लूकोज का स्तर रक्त में बढ़ने लगता है, तब मधुमेह की समस्या उत्पन्न होती है। वहीं, अगर समय रहते शुगर कम करने के उपाय न किए गए, तो डायबिटीज के कारण हृदय, किडनी, आंख, नर्व और त्वचा से जुड़ी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।

Types of Diabetes(मधुमेह के प्रकार)

        मुख्य तौर पर मधुमेह तीन प्रकार के होते हैं। जिनके बारे में नीचे जानकारी दी गई है:-

1. डायबिटीज में इम्यून सिस्टम इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है। इस वजह से इंसुलिन का निर्माण नहीं हो पाता है। इस स्थिति में मरीज को इंसुलिन के इंजेक्शन दिये जाते हैं।

2.
इसमें शरीर में इंसुलिन की मात्रा कम हो जाती है या फिर शरीर सही तरीके से इंसुलिन का इस्तेमाल नहीं कर पाता है। यह मधुमेह का सबसे आम प्रकार है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकता है।

3.
गर्भावधि मधुमेह (gestational diabetes) – यह मधुमेह का वो प्रकार है, जो गर्भावस्था के दौरान होता है। कई बार प्रगेनेंसी में टाइप 2 डायबिटीज के मामले ज्यादा दिखाई देते हैं।

नोट : इनके अलावा भी मधुमेह के और भी प्रकार हैं, जैसे मोनोजेनिक मधुमेह (monogenic diabetes – जीन में दोष के कारण होने वाला डायबिटीज) और सिस्टिक फाइब्रोसिस (cystic fibrosis diabetes – यह डायबिटीज उन्हें होता है जिन्हें सिस्टिक फाइब्रोसिस होता है) से संबंधित मधुमेह।

 

Symptoms of Diabetes(मधुमेह के लक्षण)

    मधुमेह (डायबिटीजशुगर) Diabetes/Sugar डायबिटीज के शुरुआती लक्षण (Early symptoms of diabetes ) यहाँ देखेंगे की कैसे आप शुरुआत के दिनों के लक्षण पहचान डायबिटीज का पता लगा सकते है, और अपने आप को आने वाली बड़ी स्वास्थ्य परेशानी से बचा सकते है  -
        1. मधुमेह में लक्षण जल्दी दिखते है और 2. मधुमेह के लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते है। 

1. जब खून में शुगर लेवल ज्यादा होने लगे तब इसके लक्षण हो सकते है:-

1. यूरिन का बढ़ना - किडनी खून में मौजूद ज्यादा शुगर को फ़िल्टर करने में सक्षम नहीं होती इसलिए इसे (अतिरिक्त शुगर) निकलने का एक मात्र तरीका यूरिन के रास्ते है।

2. प्यास ज्यादा लगना - यूरिन ज्यादा आने के कारण, शरीर में पानी की कमी से प्यास ज्यादा लगती है जिस से हम बार - बार प्यासा महसूस करते है; ज्यादा प्यास लगना डायबिटीज टाइप-2 के लक्षण है।

3. भूख का बढ़ना - डायबिटीज में इंसुलिन के कमी या प्रतिरोध के कारण, खाया हुआ खाना को शरीर एनर्जी में बदल नहीं पाता, जिस के कारण हम अक्सर भूखा महसूस करते है।

4. वजन कम होना (weight loss) - डायबिटीज में अपर्याप्त इंसुलिन उत्पादन के कारण शरीर खून से ग्लूकोज को बॉडी सेल में पहुंचा नहीं पाता एनर्जी के तौर पर इस्तेमाल के लिए जिसके कारण शरीर फैट और मांसपेशियों को बर्न करने लगता है एनर्जी  लिए जिसके वजन कम होने लगता है।

5. घाव या चोट का धीरे भरना - खून में शुगर का लेवल बढ़ने के कारण ऐसा होता है। डायबिटीज टाइप-2 मरीज़ो में ऐसा लक्षण देखने को मिलते है।  

इसके अलावा थकान, सिर दर्द,प्यास लगना, बार-बार पेशाब लगना, भूख बढ़ना, थकान, धुंधला दिखाई देना, पैरों या हाथों में सुन्नता या झुनझुनी, घाव, जल्दी न भरना, वजन घटना, रेकर्रेंट संक्रमण (इम्युनिटी सिस्टम का कमज़ोर होना), प्राइवेट पार्ट में दिक्कत और दिल की धड़कन तेज डायबिटीज का शुरूआती लक्षण है। इनमे से कोई भी एक लक्षण या एक ज्यादा लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें अन्यथा बाद में परेशानी बढ़ सकती है।
    

2. जब खून में शुगर लेवल कम हो तब इसके शुरुआती लक्षण हो सकते है:- 

                    बेचैनी, कपकपी, ज्यादा भूख लगना, पसीना आना, 

3. कुछ गंभीर केसेस में ये लक्षण भी आ सकते है:- 

                    बेहोशी, दौरा पड़ सकता, व्यवहारिक बदलाव

शुगर लेवल कम होना आम तौर पर डायबिटीज टाइप-1 और टाइप-2 से जूझ रहे मरीज़ो में होता है। इसमें ज्यादातर मामले हलके और सामान्य होते है, इमरजेंसी वाले नहीं होते।

 

Advance System of Diabetes(मधुमेह के अग्रिम लक्षण)

1. आँखों पर बुरा प्रभाव -  लम्बे समय तक हाई ब्लड ग्लूकोज़ के कारण होने के कारण आँखों के लेंस में अवशोषण हो सकता जो इसके साइज और नज़र में बदलाव लाता है ।

2. डायबिटिक डर्माड्रोम (Diabetic dermadromes) - मधुमेह के कारण होने वाले त्वचा पर चकत्ते का एक सामूहिक नाम है।

3. डायबिटीज कीटोएसिडोसिस -  इसका मतलब की मेटाबोलिक प्रोसेस में गड़बड़ी जिसके कारण उलटी, पेट दर्द, घबराहट, गहरी सांस, थोड़ी बेहोशी जैसी स्थिति होती है। जो लोग डायबिटीज टाइप-1 से जूझ रहे वो इसे अनुभव करते है।

4. पेरीफेरल डायबिटिक न्यूरोपैथी - ये खून में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने के कारण होता है जिस से नशों को नुकसान पहुँचता है। पैरो में सुई चुभने जैसा झनझनाहट होता है या चलने पर परेशानी होता है। 

5. डायबिटिक रेटिनोपैथी - डायबिटीज के कारण आँख पर बुरा प्रभाव पड़ता है। रेटिना के अंदर स्थित ब्लड वेसल को डैमेज कर देता है, जिसके कारण ब्लाइंडनेस भी हो सकता है।

6. मानसिक स्वास्थ्य - डायबिटीज टाइप-2 के कारण मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव डालता है जिसके कारण वो इंसान डिप्रेशन, और एंग्जाइटी का शिकार हो जाता है। मानसिक संतुलन के लिए ज़रूरी है की खून में शुगर लेवल की मात्रा सही हो।

7. ह्यपरसोमोलर नॉन-केटोटिक - ये स्थिति सामान्य डायबिटीज टाइप-2 के मरीज़ में देखा जाता है। ये पानी के कमी (dehydration) के कारण होता है , इसलिए डायबिटीज में पानी की कमी शरीर में बिलकुल न होने दे, इसके कमी के कारण कई और दूसरी बीमारी को जगह मिल सकती है।

 

बच्चों में डायबिटीज के शुरुआती लक्षण -

बच्चा को अगर यूरिन बहुत जल्दी - जल्दी आता है या फिर से बार-बार बिस्तर गिला करना शुरू कर दे। बिना किसी वजह के वजन कम होने लगे। भूख ना लगना

बिना किसी लक्षण के डायबिटीज का कैसे पता करे -

अमेरिकन डायबिटिक एसोसिएशन गाइडलाइन के मुताबिक डायबिटीज का स्क्रीनिंग करना (जाँच) चाहिए उन लोगों को जिनमे कुछ रिस्क फैक्टर है स्वास्थ्य से जुड़ा 

नोट:- अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह है और साथ में वो बीमार महसूस करे या को नीचे बताए गए लक्षण दिखें, तो डॉक्टरी सलाह लेना आवश्यक है
जैसे:- अगर ब्लड शुगर लेवल बहुत ज्यादा बढ़ जाए। मतली या उल्टी हो। अगर ब्लड शुगर लेवल सामान्य से बहुत कम हो जाए और कुछ खाने से भी न बढ़े। अगर 100 °F या उससे अधिक शरीर का तापमान हो। देखने, बोलने और संतुलन बनाए रखने में समस्या हो। याददाश्त की समस्या हो। सीने में तेज दर्द हो। हाथ-पैर हिलाने में परेशानी हो।


Causes of Diabetes(मधुमेह के कारण) 

डायबिटीज के उपचार से पहले हम जानेंगे कि मधुमेह किन कारणों कि वजह से होता है।
        कारण कुछ इस प्रकार हैं

1. जब इम्यून सिस्टम इंसुलिन का निर्माण करने वाली कोशिकाओं को नष्ट कर देता है, संक्रमण के कारण, यह अनुवांशिक भी हो सकता है

2. यह डायबिटीज का सबसे सामान्य प्रकार होता है, जो नीचे बताए गए कारणों से हो सकता है, मोटापे की वजह से शारीरिक क्रियाओं में कमी, इंसुलिन प्रतिरोध (Insulin resistance) यानी जब इंसुलिन का काम बाधित हो जाता है, यह भी अनुवांशिक हो सकता है।


Gestational Diabetes(गर्भावधि शुगर के कारण)

     यह गर्भावस्था के दौरान होने वाली डायबिटीज है, इसके कारण कुछ इस प्रकार हैं अगर गर्भावस्था के दौरान उम्र 25 साल से ज्यादा है, अगर महिला के परिवार में किसी को मधुमेह रहा हो, अगर किसी महिला को हाई बीपी की समस्या रही हो, बहुत अधिक एमनियोटिक द्रव हो, गर्भावस्था के पहले वजन ज्यादा रहा हो, पहले कभी गर्भपात हुआ हो, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम हो (Polycystic Ovary Syndrome)अगर 4 किलो से अधिक वजन वाले बच्चे को जन्म दिया हो, अगर गर्भावस्था के दौरान गर्भवती का वजन अधिक रहा हो।


Risk Factors(मधुमेह के जोखिम कारक)

    शुगर के कारणों के साथ-साथ इसके जोखिम कारकों पर भी ध्यान देना जरूरी है। कि किन लोगों में मधुमेह होने का जोखिम(खतरा) अधिक होता है।

परिवार में किसी को मधुमेह रहा हो।
उम्र भी एक कारण हो सकता है। हालांकि, यह किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन सबसे ज्यादा जोखिम बच्चे, किशोर और युवा वयस्कों में रहता है।

अगर किसी को प्री-डायबिटीज (prediabetes) हो, यानी खून में शुगर का स्तर पहले से ही अधिक हो, लेकिन उतना नहीं, जिससे इसे मधुमेह कहा सके।, अधिक वजन।, 40 या 45 साल से अधिक उम्र।, गर्भावस्था के दौरान अगर किसी महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज हुआ हो।


Gestational Diabetes(गर्भावधि मधुमेह के जोखिम कारक)

    अगर पहली गर्भावस्था के दौरान गर्भावधि मधुमेह हुआ हो, अगर महिला का वजन अधिक हो, जन्म के वक्त शिशु का वजन 4 किलो से अधिक हो, परिवार में अगर किसी को टाइप 2 डायबिटीज हो, गर्भावस्था के दौरान महिला की उम्र 25 वर्ष से अधिक हो, महिला को पीसीओएस (PCOS) हो, जिन्हें दिल की कोई बीमारी या बी.पी की परेशानी हो, जिनके परिवार में डायबिटीज (मधुमेह) का इतिहास रहा हो, महिला जिसे प्रेगनेंसी के वक़्त डायबिटीज हुआ था (Gestational diabetes), लड़की या महिला में पीरियड का अनियमित होना

इन लोगों को 25 वर्ष के बाद डायबिटीज का टेस्ट कराना चाहिए, साल में कम से कम एक बार ज़रूर। और जिस इंसान में ये रिस्क फैक्टर नहीं है या कोई भी रिस्क फैक्टर या लक्षण नहीं दिखता है, उन्हें 40 के बाद साल में एक बार शुगर की जांच ज़रूर कराए।


Diabetes/Sugar Chart (मधुमेह चार्ट)

    एक स्वस्थ व्यक्ति का नॉर्मल डायबिटीज ब्लड शुगर का लेवल कितना होना चाहिए। अगर नीचे बताए गए आंकड़ों से ज्यादा या कम शुगर लेवल रहेतो डॉक्टरी सलाह जरूर लें।

टाइप 1 डायबिटीज चार्ट:-

खाली पेट ग्लूकोज (Empty Stomach (GLUCOSE)
MG/DL 90 to 130 mg/dL

खाने के बाद ग्लूकोज (AFTER MEAL TEST GLUCOSE)
MG/DL 180 mg/dL से कम

सोने से पहले ग्लूकोज (At bedtime GLUCOSE)
MG/DL 90 to 150 mg/dL

टाइप 2 डायबिटीज चार्ट:- 

खाली पेट ग्लूकोज (Empty Stomach (GLUCOSE)
MG/DL 70 to 130 mg/dL 

खाने के बाद ग्लूकोज (AFTER MEAL TEST GLUCOSE)
MG/DL 180 mg/dL से कम



Diagnosis of Diabetes(मधुमेह का परीक्षण)

    जब किसी व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल 200 mg / dL (11.1 mmol / L) से अधिक हो। तो उसे ये टेस्ट करने चाहिए और यह जरूरी/ आवश्यक भी हैं

ग्लूकोज फास्टिंग टेस्ट:- यह ब्लड टेस्ट बहुत ही आम है। यह टेस्ट सुबह के समय बिना कुछ खाए-पिए किया जाता है। इससे ब्‍लड शुगर का सही स्तर जानने में मदद मिलती है।

रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट:- यह तब किया जाता हैजब डॉक्टर को मधुमेह के लक्षण मरीज में दिखें और वो फास्टिंग टेस्ट का इंतजार न करना चाहे। यह ब्लड टेस्ट पूरे दिन में किसी भी समय किया जा सकता है।

1सी टेस्ट:- इस टेस्ट में हर रोज ब्लड शुगर का उतार-चढ़ाव चेक करने की जगहपिछले तीन से चार महीने के लेवल का पता किया जाता है। इस टेस्ट में मरीज को भूखे रहने की जरूरत नहीं होती और यह दिन में किसी समय किया जा सकता है।

ग्लूकोज चैलेंज टेस्ट:- अगर कोई महिला गर्भवती है और डॉक्टर उनमें जेस्टेशनल डायबिटीज का जोखिम दिखेतो यह टेस्ट करने की सलाह दी जा सकती है। इस टेस्ट के लिए भूखे रहने की जरूरत नहीं होती है। इसमें भी व्यक्ति को मीठा पेय पदार्थ दिया जाता है और उसके सेवन के एक घंटे बाद यह टेस्ट किया जाता है। इसे ग्लूकोज स्क्रीनिंग टेस्ट भी कहते हैं।

ओरल ग्‍लूकोज टॉलरेंस टेस्‍ट:- मधुमेह के लक्षण का जांच करने के लिए ओरल ग्‍लूकोज टॉलरेंस टेस्‍ट भी किया जा सकता है। इस टेस्ट के लिए कम से कम रात भर या आठ घंटे कुछ खाना नहीं होता है। टेस्ट के करीब दो घंटे पहले ग्लूकोज का पानी पीना होता है। इसके बाद अगले दो घंटे तक ब्लड शुगर लेवल का नियमित रूप से परीक्षण किया जाता है।

सामान्य पूछताछ:- डॉक्टर मरीज से उनके या उनके परिवार के बारे में पूछ सकते हैं। जैसे किसी को डायबिटीज की शिकायत रही है या नहीं। इसके अलावावजन चेक कर सकते हैं और कुछ लक्षणों के बारे में पूछ सकते हैं।


Diabetes Home Remedies(मधुमेह घरेलू उपचार)

    यहां हम शुगर का घरेलू इलाज बता रहे हैं। वहीं, इस बात का ध्यान रखें कि ये डायबिटीज के घरेलू उपचार समस्या को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इन्हें किसी भी तरीके से मधुमेह का डॉक्टरी इलाज  न समझा जाए। अब पढ़ें आगे  –


 

1. डायबिटीज का घरेलू उपचार- करेला

सामग्री:- एक करेला, चुटकी-भर नमक, चुटकी-भर काली मिर्च, एक या दो चम्मच नींबू का रस

उपयोग का तरीका:- करेले को धोकर उसका जूस निकाल लें अब इसमें स्वादानुसार नमक, काली मिर्च और नींबू का रस मिला लें अब इस मिश्रण को पिएं। इसका सेवन हर दूसरे दिन किया जा सकता है। या फिर खाली पेट पर हर सुबह कड़वा करेले का रस पीना शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है और लगातार आ रहें पेशाब से राहत दिलाता है। इसमें चरन्तिन (charantin) नामक एक सक्रिय घटक होता है जो रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में मदद करता है। आप इसके बीज बाहर निकालकर इसका पाउडर बनाकर दैनिक रूप से इसका सेवन करें।

कैसे फायदेमंद है?
करेले के फायदे कई हैं। यह मधुमेह में भी फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के अनुसार, करले में एटी-डायबिटीक गुण पाया जाता है, जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है (7)। इसे शुगर का घरेलू इलाज माना जा सकता है।

 

2. शुगर का घरेलू इलाज – दाल चीनी

सामग्री : आधा चम्मच दालचीनी पाउडर, एक गिलास गुनगुना पानी

उपयोग का तरीका: गुनगुने पानी में दालचीनी पाउडर मिलाकर सेवन करें, इस मिश्रण का सेवन हर दूसरे दिन किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है?
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार दालचीनी का उपयोग टाइप 2 डायबिटीज में लाभकारी हो सकता है। दरअसल, दालचीनी में एंटीडायबिटीक गुण मौजूद होते हैं, जिससे बढ़ते ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित किया जा सकता है 


3. मेथी से शुगर का इलाज

सामग्री:- दो चम्मच मेथी दाना, दो कप पानी

उपयोग का तरीका:- मेथी के बीजों में ट्रायोनिललाइन और एल्कालोइड होते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में सहायक होते हैं। वे कार्बोहाइड्रेट के पाचन और अवशोषण की प्रक्रिया को भी धीमा कर देते हैं। मेथी के बीजों को पीसकर पाउडर बना लें और रोजाना सुबह एक चम्मच पाउडर का सेवन करें। आप इससे बनी चाय भी पी सकते हैं। या फिर दो चम्मच मेथी दाने में दो कप पानी मिलाएं, अब इसे ढककर रात भर के लिए छोड़ दें, चाहेंतो गुनगुने पानी में भी मेथी को भिगो सकते हैं, अगले दिन पानी को छानकर खाली पेट पिएं, इसका सेवन हर रोज किया जा सकता है। यदि आप गर्भवती महिला या आपने बच्चे को जन्म दिया है या फिर आप गर्भ धारण करने की कोशिश कर रहे हैं तब इसका उपयोग करने से बचें। दूसरों के लिए इसका उपयोग करना सुरक्षित है लेकिन उन्हें 6 महीनों से भी अधिक समय तक इसका सेवन नहीं करना चाहिए। 

कैसे फायदेमंद है?
मेथी का उपयोग मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकता है। मेथी और मधुमेह को लेकर किए गए कई शोध में मेथी के एंटीडायबिटिक गुण की पुष्टि हुई है। रिसर्च के अनुसार, मेथी के बीज मधुमेह ब्लड ग्लूकोज के स्तर को कम करने में मदद कर सकते हैं। वहीं, एक अन्य स्टडी में यह बात सामने आयी है कि गर्म पानी में भिगोकर रखे गए मेथी दानों का उपयोग डायबिटीज के लिए उपयोगी हो सकता है


4. मधुमेह का घरेलू उपचार एलोवेरा

सामग्री:- एक कप एलोवेरा जूस

उपयोग का तरीका:- हर रोज दिन में एक से दो बार बिना चीनी के एलोवेरा जूस का सेवन करें, चाहें, तो डॉक्टर से बात करके एलोवेरा के कैप्सूल भी ले सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?
एलोवेरा का उपयोग मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकता है। एलोवेरा में एंटीडायबिटिक गुण मौजूद होता है। इसका उपयोग फास्टिंग के दौरान का ब्लड शुगर लेवल और खाने के बाद के ब्लड शुगर को कम करने या नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। वहीं, एक अन्य शोध में यह बात सामने आयी है कि एलोवेरा पल्प टाइप 1 और टाइप 2 मधुमेह के लिए उपयोगी हो सकता है। साथ ही यह प्रीडाइबिटीज मरीजों के लिए भी एलोवेरा का सेवन लाभकारी हो सकता है 

 

5. शुगर का घरेलू इलाज जिनसेंग

सामग्री:- एक या दो चम्मच जिनसेंग चाय (बाजार या ऑनलाइन उपलब्ध), एक से डेढ़ कप पानी, एक सॉस पैन, एक कप

उपयोग का तरीका:- सबसे पहले एक सॉस पैन में पानी डालें, फिर इसमें एक या दो चम्मच जिनसेंग चाय पत्ती डालें, अब इसे गैस पर चढ़ाएं, थोड़ी देर उबलने दें, जब चाय उबाल जाए, तो गैस बंद कर दें, फिर इसे एक कप में छान लें, थोड़ा ठंडा होने दें फिर इसका सेवन करें, जिनसेंग चाय का सेवन हर रोज एक बार किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद?
जिनसेंग के फायदे की बात करें, तो यह सूजन के कारण होने वाली बीमारी, जिसमें डायबिटीज भी शामिल है, उसके लिए लाभकारी हो सकता है। दरअसल, जिनसेंग में एंटीडायबिटीक गुण मौजूद होता है। इसी गुण के कारण जिनसेंग के सेवन से ब्लड ग्लूकोज की मात्रा कम हो सकती है। वहीं, एक अन्य शोध में यह बात सामने आयी है कि खाने से दो घंटे पहले जिनसेंग के सेवन से टाइप 2 डायबिटीज मरीजों में शुगर के स्तर में सुधार कर सकता है


6. डायबिटीज का घरेलू उपचार लहसुन

सामग्री:- लहसुन की एक या दो कलिया

उपयोग का तरीका:- रोज सुबह लहसुन की एक या दो कली का सेवन कर सकते हैं, अगर कच्चा लहसुन खाना पसंद नहींतो अपनी पसंदीदा सब्जी बनाने के समय उसमें थोड़ा लहसुन डाल सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?
लहसुन का उपयोग मधुमेह के मरीजों के लिए लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के अनुसार, कुछ हफ्तों तक लहसुन का सेवन मधुमेह के मरीजों में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। वहीं, एक अन्य शोध के अनुसार, लहसुन का अर्क मधुमेह की समस्या में फायदेमंद साबित हो सकता है


7. मधुमेह का घरेलू उपचार नीम

सामग्री:- कुछ नीम की पत्तियां

उपयोग का तरीका:- नीम के पत्ते औषधीय गुणों से भरा होते हैं और ये आसानी से उपलब्ध भी हो जाते हैं। नीम कफ दोष को संतुलित करता है और इंसुलिन की निर्भरता को कम करता है। वैदिक और पारंपरिक स्वास्थ्य संबंधी ग्रंथों के अनुसार यह मधुमेह में सुधार लाने में बहुत प्रभावी है। यह न केवल शरीर में शर्करा के स्तर को कम करता है बल्कि रक्त के प्रवाह को सामान्य करने में भी मदद करता है। एथोरोसलेरोसिस और हृदय संबंधी जटिलताओं को रोकने की लिए आप नीम के पत्तों को अच्छे से धोकर सुबह के समय 4-5 पत्ते चबा सकते हैं या सुबह-सुबह नीम के रस का सेवन कर सकते हैं। यह आपकी इंसुलिन सेवन पर निर्भरता कम करने में भी आपकी मदद कर सकता है।

कैसे फायदेमंद है?
नीम मधुमेह के लिए फायदेमंद हो सकता है। दरअसल, एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में नीम में हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव (Hypoglycaemic effect) की बात सामने आई है। हाइपोग्लाइसेमिक प्रभाव ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने का काम कर सकता है। ऐसे में नीम का उपयोग न सिर्फ ब्लड शुगर को संतुलित कर सकता है बल्कि मधुमेह के जोखिम को भी कम कर सकता है

 

8. शुगर का देसी इलाज अमरूद

सामग्री:- एक अमरूद, नमक (वैकल्पिक)

उपयोग का तरीका:- हर रोज एक अमरूद का सेवन करें, चाहें, तो अमरूद के छोटे टुकड़े करके नमक के साथ भी सेवन कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?
अमरूद का सेवन मधुमेह रोगियों के लिए लाभकारी हो सकता है। रिसर्च के अनुसार, टाइप 2 मधुमेह के लिए अमरूद उपयोगी हो सकता है। अमरूद के पोलिसकराइड (polysaccharides – एक प्रकार का कार्बोहायड्रेट) में मौजूद एंटी-डायबिटिक प्रभाव मधुमेह के लिए लाभकारी हो सकता है। वहीं, एक अन्य स्टडी में बिना छिलके के अमरूद का सेवन ब्लड शुगर की मात्रा को कम करने में प्रभावी पाया गया है


9. मधुमेह का घरेलू उपचार दलिया

सामग्री:- गेहूं का दलिया एक कटोरा

उपयोग का तरीका:- सबसे पहले एक बर्तन जिसमें आप दाल बनाते हैं, उसमें पानी आधा लीटर पानी डालिए और साथ ही दलीया को अच्छे से दखें कि वह साफ़ है कि नहीं  फिर उसे पानी मैं डालदें, 15 से 20 मिनट उसे उबालें  और फिर उसे ढांडा होने दें ठंडा होने के बाद ही उसे खायें, मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए रोजाना एक कटोरा दलिया का सेवन किया जा सकता है।

मधुमेह के जोखिम को कम करने के लिए रोजाना एक कटोरा दलिया का सेवन किया जा सकता है। दलिया ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। खासतौर पर टाइप 2 मधुमेह रोगियों के लिए हर रोज दलिया का सेवन उपयोगी हो सकता है। दलिया में मौजूद बीटा-ग्लुकोन (Beta-glucans – कार्बोहाइड्रेट) ना सिर्फ ब्लड ग्लूकोज को कम कर सकता है, बल्कि दिल की बीमारी के जोखिम से भी बचाव कर सकता है। हालांकि, यह जरूरी नहीं कि सभी प्रकार के दलिये का प्रभाव एक जैसा हो, इसलिए फ्लेवर्ड या तुरंत बनने वाले दलिये के सेवन से बचें, क्योंकि इनमें शुगर की मात्रा हो सकती है। 


10. डायबिटीज का घरेलू उपचार ग्रीन टी

सामग्री:- एक ग्रीन टी बैग, एक कप पानी, एक कप

उपयोग का तरीका:- सबसे पहले एक कप पानी गर्म कर लें, फिर उस पानी को कप में डालें, उसके बाद इसमें ग्रीन टी बैग को दो-तीन मिनट डालकर रखें, फिर इस ग्रीन टी का सेवन करें, ग्रीन टी का सेवन हर रोज किया जा सकता है।

कैसे फायदेमंद है?
ग्रीन टी का उपयोग डायबिटीज के लिए लाभकारी हो सकता है। दरअसल, एक शोध में प्रति दिन छः कप या उससे अधिक ग्रीन टी का सेवन करने से व्यक्तियों में 33% टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम कम होता पाया गया है

इसके साथ ही ग्रीन टी का सेवन ग्लूकोज मेटाबॉलिज्म में सुधार कर अचानक ब्लड शुगर लेवल को बढ़ने से रोक सकता है। इस लाभ के पीछे ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन एपिगैलोकैटेचिन-3-गैलेट (EGCG) के एंटी डायबिटिक देखे जा सकते हैं। हालांकि, ग्रीन टी का सेवन संतुलित मात्रा में ही करें, अधिक सेवन से इसका सेवन हानिकारक हो सकता है।

 

11. डायबिटीज का घरेलू उपचार कॉफी

सामग्री:- एक चम्मच कॉफी पाउडर, एक कप गर्म पानी

उपयोग का तरीका:- एक कप गर्म पानी में एक चम्मच कॉफी पाउडर मिलाएं। फिर इसका सेवन करें। चाहें, तो हर रोज एक कप कॉफी का सेवन कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?
कॉफी का उपयोग डायबिटीज से बचाव में मददगार साबित हो सकता है। इससे जुड़े एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि हर रोज बिना चीनी और दूध के कॉफी के सेवन से मधुमेह से बचा जा सकता है। कॉफी में रोगनिरोधी (prophylactic effects) प्रभाव होता है। हर रोज कॉफी का सेवन न सिर्फ ब्लड शुगर लेवल को संतुलित रख सकता है, बल्कि मधुमेह के जोखिम को भी कम कर सकता है


12. शुगर का घरेलू इलाज अदरक

सामग्री:- आधा से एक चम्मच कद्दूकस किया हुआ अदरक, एक कप पानी

उपयोग का तरीका:- एक पैन में अदरक को पानी में उबालें। फिर पांच से दस मिनट बाद इस पानी को छान लें। इसके बाद पानी को ठंडा कर तुरंत पी लें। इसे रोज एक या दो बार पी सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?
अदरक का उपयोग मधुमेह रोग के लिए लाभकारी हो सकता है। यहां, अदरक का हाइपोग्लिसेमिक (hypoglycaemic- ब्लड शुगर को कम करना) प्रभाव न सिर्फ डायबिटीज को कम कर सकता है, बल्कि डायबिटीज के कारण होने वाली अन्य जटिलताओं से भी बचाव कर सकता है। टाइप 2 डायबिटीज के लिए अदरक एक प्राकृतिक एंटी डायबिटिक एजेंट की तरह काम कर सकता है।

 


13. शुगर का घरेलू इलाज – कलौंजी

सामग्री:- 5 एमएल कलौंजी तेल, एक कप काली चाय (black tea)

उपयोग का तरीका:- एक कप ब्लैक टी में 2.5 एमएल कलौंजी तेल मिलाएं। इस मिश्रण का सेवन हर रोज दो बार कर सकते हैं। चाहें, तो कलोंजी का उपयोग खाने में भी कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?
कलौंजी या कलौंजी का तेल डायबिटीज में लाभकारी सकता है। यह ब्लड ग्लूकोज लेवल को नियंत्रित कर सकता है। इसमें एंटी डायबिटिक गुण तो है ही, साथ ही साथ यह हानिकारक कोलेस्ट्रॉल को कम कर अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी बढ़ाने में सहायक हो सकता है

 


14. शुगर का देसी इलाज करी पत्ता

सामग्री:- 8-10 करी पत्ता

उपयोग का तरीका:- हर रोज करी पत्ता को धोकर खा सकते हैं। चाहें, तो करी पत्ता को भोजन बनाते समय उपयोग कर सकते हैं।

कैसे फायदेमंद है?
मधुमेह का आयुर्वेदिक उपचार के तौर पर करी पत्ते का उपयोग किया जा सकता है। आयुर्वेद में करी पत्ता को एक औषधि के रूप में माना जाता है। इसमें कई सारे गुण हैं, जिसमें एंटी डायबिटिक गुण भी शामिल है। ऐसे में करी पत्ते के सेवन से शरीर में इंसुलिन की प्रक्रिया नियंत्रित रह सकती है और ब्लड ग्लूकोज लेवल भी कम हो सकता है। इसके अलावा, करी पत्ता टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करने में मदद कर सकता है


15. शुगर कम करने का उपाय है त्रिफला - Sugar kam karne ke upay hai triphala churna
    रोगों का इलाज करने के लिए आयुर्वेद में त्रिफला सबसे व्यापक रूप से मौजूद जड़ी-बूटियों में से एक है। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, त्रिफला तीन फलों का एक संयोजन है। ये सभी तीन फल शक्तिशाली जड़ी बूटी हैं और त्रिफला इन तीनों के बहुमूल्य औषधीय गुणों को मिलाता है। यह अग्न्याशय के कार्यों में मदद करता है और इंसुलिन के स्राव को बढ़ावा देता है। आप गर्म पानी के साथ 1 चम्मच पाउडर का सेवन कर सकते हैं या आप रक्त शर्करा के स्तर में बड़े बदलावों से बचने के लिए, इसे लेने से पहले किसी विशेषज्ञ या डॉक्टर से परामर्श लेना बेहतर होगा।

16. शुगर कंट्रोल करे विजयसार से - Sugar ka gharelu nuskhe hai vijaysar powder
    विजयसार के पेड़ की छाल शुगर (मधुमेह) रोगियों के लिए वरदान से कम नहीं है। यह न केवल रक्त में शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है बल्कि इंसुलिन के स्राव को बढ़ावा देने और शरीर से अतिरिक्त वसा को बाहर निकालने में भी प्रभावी है। यह रक्त में स्वस्थ लिपिड स्तर को बनाए रखती है और मधुमेह से जुड़ी विभिन्न समस्याओं को रोकती है। आयुर्वेदिक ग्रंथ विजयसार को मधुमेह के लिए एक उत्कृष्ट जड़ी बूटी बताते हैं। आप पानी के साथ इसकी छाल का चूर्ण या पाउडर का सेवन कर सकते हैं।

17. डायबिटीज से बचने का उपाय है हल्दी पाउडर - Diabetes ka gharelu upay hai turmeric powder
    हल्दी अपने शक्तिशाली उपचार शक्तियों के लिए जानी जाती है और हर किसी के रसोई घर में इसकी विशेष जगह है। यह रक्त शर्करा के स्तर को कम करती है और मधुमेह के मूल कारणों को हल करने में भी मदद करती है। प्रभावी और शीघ्र परिणामों के लिए, आप हल्दी को आंवला के साथ ले सकते हैं। बस अपने आहार में 2-3 ग्राम हल्दी शामिल करें और इसके फायदे का आनंद लें। 

18. शुगर तुरंत कम करने के उपाय है जामुन - Diabetes ko turant control kare ka tarike hai jamun
    जामुन में ग्लाइकोसाइड होता है जो रक्त शर्करा के स्तर पर रोक लगाने में मदद करता है। यह मधुमेह के लिए एक शक्तिशाली जड़ी बूटी के रूप में कार्य करता है और चीनी को ऊर्जा में बदलकर मधुमेह के प्रभाव को ख़त्म करता है। तो जल्दी से अपने रसोई घर की ओर जाए और जामुन के बीजों को पीसकर एक महीन पाउडर बनाएं और दिन में दो बार 3 ग्राम पाउडर को छाछ के साथ लें।

19. शुगर खत्म करने का तरीका है गुड़मार - Diabetes khatam karne ke gharelu nuskhe hai gurmar
    गुड़मार का मतलब है 'चीनी का नाश करना' और आयुर्वेद में पारंपरिक रूप से मधुमेह के इलाज के लिए इसका उपयोग किया जाता है। यह शरीर में इंसुलिन को बढ़ाता है और रक्त में शर्करा के स्तर को कम करने में सहायता करता है। यह वसा को सोखने और चीनी के रूपांतरण की प्रक्रिया को धीमा कर देता है। यह शरीर की चयापचय गतिविधियों में भी मदद करता है, वजन का संतुलन बनाए रखने में सहायता करता है और रक्त में कोलेस्ट्रॉल के सही स्तर को भी बनाए रखता है। गुड़मार की कुछ पत्तियों को रोजाना चबाएं या 400 mg गुड़मार चूर्ण से चाय बनाकर पिएं। 

20. डायबिटीज कंट्रोल करने का उपाय है शिलाजीत - Sugar kam karne ka gharelu upay hai shilajit
    शिलाजीत रक्तप्रवाह में ग्लूकोज को रोकता है और स्वस्थ रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यही कारण है कि इसे "डायबिटीज़ को ख़त्म करने वाला" भी कहा जाता है। यह अग्न्याशय के कामकाज को उत्तेजित करता है और इंसुलिन स्राव को प्रोत्साहित करता है और बाहरी इंसुलिन सेवन पर निर्भरता को कम करने में मदद करता है। यह मधुमेह के कारण थकान को दूर करने में भी मदद करता है। आप रोजाना 100 मिलीग्राम शिलाजीत पाउडर का उपभोग कर सकते हैं।

21. मधुमेह के घरेलू नुस्खे हैं बेलपत्र - Sugar ko control karne ka nuskha hai bel patra
    यदि आप अपने उच्च रक्त शर्करा के स्तर के बारे में चिंतित हैं, तो जल्दी से बेल के कुछ पत्तों को लेकें उन्हें पीसकर रस निकाल लें और लगभग 20 मिलीलीटर रस में काली मिर्च और नमक की एक चुटकी मिलाएँ और अपने खून में उच्च रक्त शर्करा स्तर को कम करने के लिए इसका सेवन करें।

नोट: अगर ऊपर दिए गए घरेलू उपचार में उपयोग की गए किसी भी चीज से एलर्जी है, तो उसका सेवन करने से पहले आप अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।


Instructions & guide (निर्देश और गाइड)

    आइये अब जानते हैं कि शुगर यानी मधुमेह से बचने के लिए किया किया सावधनियां वरतैं जिससे कि हमें शुगर यानी मधुमेह न हो और हम उससे बचे रहें नीचे बताए गए बातों को ध्यान में रखकर व्यक्ति डायबिटीज शुगर यानी मधुमेह से काफी हद तक अपने आप को बचाये रख सकता है

ब्लड शुगर के लिए विटामिन

    डायबिटीज के मरीजों के लिए पोषक तत्व जरूरी होते हैं। जिन लोगों को मधुमेह हैउन्हें विटामिन ए,बीसीडीई व के की पर्याप्त मात्रा की आवश्यकता हो सकती है। ऐसे में सप्लीमेंट या किसी तरह की दवा लेने से अच्छा है कि मधुमेह मरीज विटामिन युक्त खाद्य पदार्थों को अपने डाइट में शामिल करें।

Diabetes Prevention (मधुमेह/डायबिटीज/शुगर से बचाव) 

    वजन को नियंत्रित रखें।, डाइट में बदलाव करें और स्वस्थ आहार लें। नियमित रूप से योग या व्यायाम करें। अगर घर में किसी को मधुमेह है, तो डॉक्टर से बात करें और सलाह लें। धूम्रपान न करें। अपने शुगर लेवल की नियमित  जांच करते रहें। डॉक्टर द्वारा दी गईं दवाइयों का नियमित तौर पर सेवन करें। सही और स्वस्थ आहार लें और जरूरत पड़े तो डॉक्टर से डाइट चार्ट के बारे में पूछें। नियमित रूप से एक्सरसाइज और योग करें। सही मात्रा में पानी पिएं।


 

Not to eat in diabetes(मधुमेह में न खाएं)

डायबिटीज का उपचार के तौर पर जिन चीजों का से सेवन लाभकारी हो सकता है वह हम आपको पहले ही ऊपर बता चुके हैं , और अब जानें कि मधुमेह में क्या नहीं खाना चाहिए

ज्यादा तला-भूना या ज्यादा फैट वाले खाद्य पदार्थों। ज्यादा सोडियम युक्त आहार। मीठे खाद्य पदार्थ जैसे – आइसक्रीम, कैंडी या बेकरी वाले खाद्य पदार्थ। शुगर युक्त पेय पदार्थ जैसे – कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक, सोडा या जूस।

नोट : डायबिटीज के मरीज अपने डॉक्टर से भी मधुमेह के लिए डाइट चार्ट के बारे में जानकारी ले सकते हैं ताकि उन्हें उनकी उम्र और शारीरिक स्थिति के अनुसार पता रहे कि उन्हें क्या खाना है और मधुमेह मे परहेज किन चीजों से करना है।

 

Yoga to prevent diabetes(मधुमेह से बचाव के लिए योग)

    मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए कुछ योगासन किए जा सकते हैं। शोध में यह बात सामने आयी है कि आसन, प्राणायाम और ध्यान से शुगर लेवल नियंत्रित हो सकता है। ऐसे में शुगर/डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए इन योग क्रियाओं को करना लाभकारी हो सकता है :

कपालभाति, अनुलोम–विलोम, वक्रासन, शवासन, अर्धमत्स्येंद्रासन
नोट:- कोई भी योग या एक्सरसाइज विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें।



नोट:- अगर किसी को डायबिटीज नहीं है, तो भी व्यक्ति मधुमेह से बचे रहने के लिए लेख में बताया गया शुगर का घरेलू उपचार अपना सकते हैं। इसके अलावा, जिन्हें यह समस्या है, वे डॉक्टरी परामर्श पर इन घरेलू उपचारों का पालन कर सकते हैं। डायबिटीज का घरेलू उपचारों में से अपनी सुविधा अनुसार शुगर कम करने के उपाय को अपनाकर ब्लड शुगर के स्तर को कम किया जा सकता है। वहीं, अगर घरेलू उपचार के बाद भी सुधार नजर नहीं आता है, तो तुरंत मधुमेह के उपचार के लिए डॉक्टर से संपर्क करें। डायबिटीज का इलाज सही वक्त पर करके अन्य बीमारियों के खतरे को भी टाला जा सकता है। इसलिए, हमारी राय यही है कि ब्लड शुगर के लक्षण दिखने पर सही वक्त पर ध्यान दें और खुद को सुरक्षित रखें।

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